जवाहर नवोदय विद्यालय की नामांकन नीति

जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा

जवाहर नवोदय विद्यालयों में प्रवेश केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित चयन परीक्षा के आधार पर दिया जाता है। इस परीक्षा को जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा (ज.न.वि. चयन परीक्षा) कहा जाता है। यह चयन परीक्षा वस्तुनिष्ठ एवं लिखित रूप में होती है तथा इसे यह सुनिश्चित करते हुए तैयार किया जाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली बच्चे, किसी असुविधा के बिना इस परीक्षा में प्रतिस्पर्द्धा कर सकें।

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पात्रता की शर्तें और परीक्षा का संघटन

कक्षा VI

पात्रता की शर्तें

सभी उम्मीदवारों के लिए

  1. (क) केवल उसी जिले के प्रत्याशी प्रवेश के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे जिस जिले में जवाहर नवोदय विद्यालय खुला हुआ है। तथापि जिस जिले में जवाहर नवोदय विद्यालय खोला गया है, किन्तु बाद में उस जिले का विभाजन कर दिया जाता है तो जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश के लिए जिले की पुरानी सीमाओं को ही मान्यता दी जाएगी। यह उन मामलों में लागू होता है जहाँ नया विद्यालय नए विभाजित जिले में अभी प्रारम्भ नहीं हुआ है।
  2. (ख) चयन परीक्षा में भाग लेने वाले प्रत्याशी को उसी जिले के जिसमें कि वह प्रवेश लेना चाहता है, पूरे शैक्षणिक सत्र में किसी सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त या अन्य मान्यता प्राप्त विद्यालय में अथवा सर्व शिक्षा अभियान योजना के अंतर्गत किसी विद्यालय में अथवा राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान के ‘बी’ प्रमाण-पत्र योजना पाठयक्रम में कक्षा-5 में अवश्य अध्ययनरत होना चाहिए ।
    किसी विद्यालय को तभी मान्यता प्राप्त माना जाएगा, यदि उसे सरकार द्वारा या सरकार की ओर से प्राधिकृत किसी एजेंसी द्वारा मान्यता प्राप्त घोषित किया गया हो। सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत चलने वाले विद्यालयों का सरकार या सरकार द्वारा प्राधिकृत एजेंसी द्वारा प्रायोजित होना जरूरी है। वह विद्यालय, जहाँ विद्यार्थी ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान के अंतर्गत बी प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो और वह राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान द्वारा प्रमाणित होना चाहिए। प्रत्याशी ने प्रवेश-पूर्व कक्षा-5 की परीक्षा उत्तीर्ण की होनी चाहिए। कक्षा-6 में वास्तविक प्रवेश इसी शर्त पर दिया जाता है।
  3. (ग) जो प्रत्याशी दाखिला लेना चाहता है उसकी आयु 9 से 13 वर्ष के बीच होनी चाहिए। यह शर्त सभी वर्गों के प्रत्याशियों पर लागू होती है, जिसमें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के प्रत्याशी भी शामिल हैं।
  4. (घ) ऐसा प्रत्याशी जिसने एक दिन भी शहरी क्षेत्र में स्थित किसी भी कक्षा-3, 4 या 5 में अध्ययन किया हो, शहरी प्रत्याशी माना जाएगा। शहरी क्षेत्र वे हैं जो वर्ष 2011 की जनगणना में या उसके बाद सरकारी अधिसूचना द्वारा शहरी क्षेत्र घोषित किए गए हैं। अन्य सभी क्षेत्रों को ग्रामीण क्षेत्र माना जाएगा।
  5. (च) ग्रामीण कोटे में प्रवेश पाने के इच्छुक प्रत्याशी ने पिछले तीन वर्षों में, लगातार तीन सत्रें में स्थानीय सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त/मान्यता प्राप्त स्कूल में कक्षा-3, 4 और 5 की परीक्षाओं को उत्तीर्ण किया हो और प्रति वर्ष एक पूर्ण शैक्षणिक सत्र ग्रामीण क्षेत्र में पूरा किया हो।
  6. (छ) वे प्रत्याशी आवेदन के पात्र नहीं होंगे जिन्हें 30 सितम्बर से पूर्व अगली कक्षा में न चढ़ाया गया हो और कक्षा-5 में प्रवेश न दिया गया हो।
  7. (ज) किसी भी स्थिति में कोई भी प्रत्याशी चयन परीक्षा में दूसरी बार बैठने का पात्र नहीं होगा।

ग्रामीण, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, बालिकाओं/विकलांग बच्चों के लिए आरक्षण

  1. (क) प्रत्येक जिले के कम से कम 75 प्रतिशत स्थान ग्रामीण क्षेत्रों से चयनित अभ्यर्थियों द्वारा तथा शेष स्थान जिले के शहरी क्षेत्र से चयनित अभ्यर्थियों  द्वारा भरे जाएंगे।
  2. (ख) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बच्चो के लिए स्थान का आरक्षण सम्बंधित जिले की जनसंख्या के अनुपात में दिया जाता है | किन्तु किसी भी जनपद में राष्टीय अनुपात (15 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 7.5 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति) से कम तथा 50 प्रतिशत (अनुसूचति जाति और जन जाति को जोड़कर ) से अधिक नहीं होना चाहिए यह आरक्षण अंतर परिवर्तनीय है औरखुली वरीयता सूची के अंतर्गत चयनित अभ्यर्थियों  के अतिरिक्त लागू होगा।
  3. (ग) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति के आरक्षण के अतिरिक्त 27 प्रतिशत आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को दिया जाएगा। अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण केन्द्रीय सूची जैसा कि समय समय पर जारी की जाती है, के अनुसार लागू किया जाएगा। अन्य पिछड़ा वर्ग के जिन अभ्यर्थियों को केन्द्रीय सूची में सम्मिलितनहीं किया गया है वे सामान्य अभ्यर्थी के रूप में आवेदन कर सकेंगे।
  4. (घ) कुल स्थानों के एक तिहाई स्थान बालिकाओं द्वारा भरे जायेंगे।
  5. (ड) **  ’’दिव्यांगबच्चों” (अस्थि दिव्यांग, श्रव्य दिव्यांग एवं दृष्टि दिव्यांग) के लिएभारत सरकार के नियमानुसार आरक्षण का प्रावधान है। 
  6.       **  ’’दृष्टि दिव्यांगता’’ निम्न शर्तों में से किसी एक के होने पर ही मान्य होगीः-
  7.  (i) पद्ध सम्पूर्ण दृष्टिहीनता : या
  8. (ii) पपद्ध अपेक्षाकृत अच्छे नेत्र में ऐनक के साथ दृष्टि तीव्रता 6/60 या 20/200 से अधिक न हो;
  9. (iii) पपपद्ध दृष्टि के क्षेत्र परिसीमन का कोण 20 अंश या उससे खराब।
  10.       **   “श्रव्य दिव्यांगता’’ संवाद क्षेत्र की बारम्बारता में अपेक्षाकृत अच्छे कान में 60 या इससे अधिक डेसिबल (कमबपइमसे) की क्षति।
  11.      **  ‘‘लोकोमोटर दिव्यांगता’’ अस्थियों, जोड़ों या मांसपेशियों की विकलांगता के चलते हाथ पैरों के संचालन में विशेष रूकावट या मांसपेशियों के नियंत्रण या संचालन में रूकावट (।दल वितउ वि बमतमइतंस चंसेल)
  12.      **  ‘‘दिव्यांग व्यक्ति’’ का तात्पर्य है कि किसी तरह की विकलांगता जो 40 प्रतिशत से कम न हो और जिसे चिकित्साधिकारी द्वारा प्रमाणित किया गया हो। 

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